Khushiyon Ki Potli (Kahani Sangrah) by Ritu Khetan (Agrawal)
(for advance booking – Dispatch Date 15-03-2024)
ISBN: 978-81-19321-57-5
Pages: 104
Date of Publication: 05-03-2024
Language: Hindi
Cover: Paperback / softback
Kahani Sangrah
Khushiyon Ki Potli
जिज्ञासु मानव का स्वभाव ही होता है कि वह कुछ न कुछ नया करे, कुछ नया सीखे और सिखाए, लेकिन अगर हम ध्यान से देखें तो जो जीवन हम जी रहे हैं, उसी से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इस प्रक्रिया में आस-पास का माहौल, समाज, रीति रिवाज और मान्यताएं भी हमें प्रभावित करते हैं। यह प्रभाव चाहे जैसा भी हो हमारे भीतर कुछ हलचल पैदा करता है और इसी हलचल को शब्दों का रूप देकर पन्ने पर उतारने की कोशिश की गई है।
हम जिस समय में रहते हैं उसकी मान्यताएं, प्रथाएं और रीतियां हमको सहर्ष स्वीकार होती हैं, लेकिन फिर भी मन – क्रंदन चलता है कि क्यों ये रीतियां बनाई गईं, कुछ ठोस वजूद ढूंढता नजर आता है और उसी बीच कुछ रचनायें कहानी का रूप लेकर कागज़ पर छप जाती हैं। मेरी कहानियां ज्यादातर मुझसे ही होकर गुजरती हैं, लेकिन हां ये आपकी भी हो सकती हैं, या कह सकते हैं कि एक संवेदनशील प्राणी जो समाज में रहता है, उसका भी कुछ ऐसा ही अनुभव रहा होगा, इसलिए आपको ये कहानियां अपना एक अलग प्रभाव भी दिखाती हैं।
मेरी हर एक रचना में आपको कुछ न कुछ सीख जरूर मिलती है। हो सकता है आप पढ़ते हुए थोड़ा मुस्कुरा भी दें, या आपकी हंसी फूट पड़े, तो वो मेरे लिए सबसे बड़ी सफलता होगी कि ये कहानियां आपके मन में भी गुदगुदी करने लगी हैं।
यह मेरी पहली किताब है। इसका प्रकाशन नारायण कृपा और बड़ों के आशीर्वाद से ही संभव हो रहा है। कृपा और आशीर्वाद अनवरत रहा तो आगे भी प्रयास जारी रहेगा। सभी पाठकों का सहयोग और आशीर्वाद चाहती हूं कि मेरे इस लेखन के शब्द सार्थक हों और आपको इतनी पसंद आयें कि आप अपने मित्रो से इसकी प्रशंसा करें।
-Ritu Khetan
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